Big inflation again, food items became expensive, wholesale inflation reached 4 months high
महंगाई ने एक बार फिर से आसमानों को छु रही हैं यह दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही हैं गरीबो के लिए यह एक सबसे बड़ी समस्या बन गयी हैंअक्टूबर महीने में थोक महंगाई पहले से बढ़कर 2.36% पर पहुँच गयी हैंवहीँ पर यह सितम्बर में 1.84% पर थी अगस्त के महीने में यह 1.31% पर थीमहंगाई बढ़ने का मुख्य कारण सब्जियों और खाने पीने की चीजो के दाम बढने काहैं
महंगाई बढने का मुख्य कारण रोजाना की जरूरत वाले सामान का महंगा होना रोजाना के सामान की महंगाई दर 6.59% से बढ़कर 8.09% हो गयी हैं वहीँ खाने – पीने की चीजो पर 9.47 % से बढ़कर 11.59% और फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -4.05% से घटकर-5.79 रही वही मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 1% से बढ़कर 1.50% रह गयी हैं
थोक महंगाई का ज्यादा लम्बे समय तक बढने पर प्रोडिक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता हैं और थोक मूल्य अगर बहुत लम्बे टाइम तक ऊँचे स्तर पर रहने लगता हैं तो इसका निर्माण करने वाले इसका असर आम आदमी पर डाल देते हैं क्योंकि सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती इसी प्रकार इसका असर आम आदमी पर पड़ता हैं
होलसेल महंगाई को 3 भागोमें बांटा गया हैंजिनमे सबसे पहले प्राइमरी आर्टिकल जिनका हिस्सा 22.62 % हैं प्राइमरी आर्टिकल के भी चार हिस्सों में बांटा गया हैं 1.फूड आर्टिकल्स जैसे अनाज, गेहूं, सब्जियां 2.नॉन फूड आर्टिकल में ऑइल सीड आते हैं 3.मिनरल्स 4. क्रूड पेट्रोलियम उसके बाद फ्यूल एंड पॉवर का हिस्सा 13.15 हैं और सबसे ज्यादा हिस्सा मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट का हैं
महंगाई मापने का तरीका
भारत में महंगाई को2 तरह की मानी जाती हैं एक रिटेल जिसके अन्दर उन चीजो की महंगाई शामिल है जो कीमत ग्राहकों द्वारा दी जाती हैं उस पर आधारित होती हैं इसे कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स भी कहा जाता हैं और दूसरी थोक मूल्यसूचकांक का अर्थ उन मूल्यों से हैं जो एक कारोबारी दुसरे कारोबारी से वसूलता हैं इसी से थोक मूल्य सूचकांक का निर्धारण किया जाता हैं
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इस वित् वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 4.5 % रखा था लेकिन यह बढती ही जा रही हैं
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1 thought on “फिर बड़ी महंगाई,खाने–पीने की चीजें हुई महंगी”
Thanks for this information sir 🙂