मणिपुर हिंसा: क्या हो रहा है और क्यों?

Manipur violence begins
मणिपुर हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को हुई थी अब इस हिंसा को चलते अब पुरे 18 महीने होने को आए है लेकिन हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही
इस हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को उस समय हुई थी जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने आदिवासी एकता मार्च निकाला था इस रैली में आदिवासी ओर गैर आदिवासी समुदाय के बीच झड़प हों गई जिसने धीरे -धीरे हिंसा का रूप ले लिया, ये रैली मेंतई समुदाय की ओर से जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में निकाली गई थी इसका मुख्य कारण मेंतई समुदाय द्वारा की गई आरक्षण की मांग ओर नगा कुकी समुदाय द्वारा इसका विरोध है
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इस हिंसा में तीन समुदाय शामिल हैं मैतई,नगा,कुकी इनमें से मैतई गैर आदिवासी हैं जिनकी आबादी 53 फीसदी हैं और नगा कुकी आदिवासी हैं जिनकी आबादी 40 फीसदी हैं
इस आंदोलन का मुख्य कारण है कि मणिपुर में एक कानून है कि पहाड़ी इलाकों में सिर्फ आदिवासी समुदाय ही बस सकते है और घाटी इलाकों में गैर आदिवासी
मैतई समुदाय को आदिवासी का दर्जा नहीं मिला इसलिए वे पहाड़ी इलाकों में नहीं रह सकते और नगा कुकी समुदाय चाहे तो घाटी में जा कर रह सकते हैं इसलिए मैतई समुदाय ने आदिवासी समुदाय का दर्जा प्राप्त करने के लिए आंदोलन किया तो नगा ओर कुकी को डर लगने लगा कि अगर उनको यह दर्ज़ा मिल गया तो उन्हें भी पहाड़ी में रहने की इजाजत मिल जाएगी और उनकी जमीनों का बंटवारा हो जाएगा और इसी डर से उन्होंने उनका विरोध किया और यह एक उग्र आंदोलन बन गया ओर इसने हिंसा का रूप धारण कर लिया
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Damage due to violence in Manipur
मणिपुर में 1 अक्टूबर से लेकर अब तक लगभग 16 जगहों पर हिंसा हुई है जिसमें बहुत हीं ज्यादा जान माल का नुकसान भी हुआ हैं सबसे ज्यादा नुकसान 11 नवम्बर को हुआ जिसके बाद यह बढ़ती ही गई हैं बढ़ती हुई हिंसा को देखते हुए सरकार लगातार उस पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही हैं इंटरनेट बंद स्कूल व कॉलेज बंद पड़े हैं सड़कों पर अशांति फैली हुई है
पिछले 10 दिनों में यहां पर पैरामिलिट्री फोर्स की 20 कंपनियां भेजी जा चुकी हैं 10 दिनों में 90 कंपनियां अर्थात 9000 सैनिक अतिरिक्त तैनात किए गए हैं पर ये हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा

मणिपुर की राजधानी इंफाल में सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं हो रही हैं इस पर मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि सुरक्षा के लिए सेना पुलिस CRPF BSF ITBP के अधिकारियों के साथ बैठक कर जो भी समस्या आ रही उन पर विचार किया ओर हम सब साथ हैं इस पर भरोसा जताया ओर हमने इस बारे में सभी जिलों के डीएसपी डीसी ओर SP के साथ मुद्दों पर चर्चा के शांति का माहौल बनाने के बारे में सोचा
मणिपुर में जो 90 कंपनियां पिछले 10 दिनों में भेजी गई है उसके अलावा वहां पर पहले से 198 कंपनियां पैरामिलिट्री फोर्स की तैनात हैं जो लगातार मोर्चा संभाले हुए है इस हिंसा में शुरू से लेकर अब तक 258 लोग जब गवा चुके है
7 नवंबर को हिंसा का ताजा दौर एक महिला की हत्या से शुरू हुआ था 7 नवम्बर को जीरीबाम जिले के जेरावन गांव में महिला के घर आग लगा दी गई जिसमें वो जल गई उसके बाद 18 नवंबर तक 16 अलग अलग जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुई जिसमें जीरीबाम के 20 लोग मारे गए
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इस हिंसा में न केवल मौतें बल्कि सरकारी संपति को भी भारी नुकसान हुआ है विधायक आवासों पर तोड़ फोड़ ओर आगजनी से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ हैं इस मामले में 32 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया हैं और 3000 हथियार भी बरामद किए गए हैं सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि हम नागरिकों की जान माल की रक्षा के लिए फोर्स को बुला रहे हैं
मणिपुर में हुई ताजा हिंसा में सीएम ने कहा कि कुकी उग्रवादियों द्वारा 3 मासूम बच्चों ओर 3 महिलाओं की निर्दय हत्या की में कड़े शब्दों में निंदा करता हु सभ्य समाज में बर्बरता के लिए कोई जगह नहीं हैं इन उग्रवादियों को तलाश कर जल्द ही कठघरे में लाया जाएगा
मणिपुर के सीएम ने कांग्रेस नेता पी चिंदबरम की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया की वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा संकट मणिपुर के सीएम के कारण हैं और कहा कि कांग्रेस के समय में केंद्रीय नेताओं की कमी के कारण आज इस हिंसा में मणिपुर जल रहा हैं
